Main aryaputra hun
Manoj Singh
ABOUT THE
BOOK
आर्य कौन थे? कब थे? कहाँ बसते थे? क्या करते थे? कैसे रहते थे?...इन अनगिनत प्रश्नों के उत्तर की प्रामाणिक कथा है—‘मैं आर्यपुत्र हूँ’।
रामायण श्रीराम की जीवनकथा है और यह अब तक की आदर्श जीवनकथा होनी चाहिए। ठीक इसी तरह महाभारत समाज की कथा है और यह अब तक की महानतम सामाजिक-कथा होनी चाहिए, अपने आप में संपूर्ण। इन दोनों कथाओं से आर्यों के चरित्र का अनुमान तो लगाया जा सकता है, मगर उनका समग्र रूप नहीं दिख पाता, क्योंकि श्रीराम व श्रीकृष्ण अवतारी पुरुष थे, जबकि मैं यहाँ सामान्य आर्यों की बात कर रहा हूँ।
आर्यों की कथा ही क्यों? क्योंकि विश्व इतिहास का यह सबसे बड़ा झूठ रचा गया कि आर्य बाहरी और आक्रमणकारी थे। यह पश्चिम के विद्वानों की विद्वत्ता और निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न है। फिर यह भारत के वामपंथी इतिहासकारों की गुलाम मानसिकता है, जो उन्होंने इस आधारहीन काल्पनिक मत को आगे बढ़ाया। जबकि एक भी प्रमाण अपनी बात के समर्थन में ये दोनों आज तक प्रस्तुत नहीं कर पाए।
ABOUT THE
AUTHOR
मनोज सिंह
जन्म : 1 सितंबर, 1964 को आगरा (उ.प्र.) में।
शैक्षणिक योग्यताएँ : बी.ई. इलेक्ट्रॉनिक्स, एम.बी.ए.।
विभिन्न विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेज, मैनेजमेंट कोर्स एवं मास-कम्युनिकेशन से संबंधित शिक्षण संस्थानों में विशेषज्ञ व्याख्यान के लिए आमंत्रित।
प्रकाशित पुस्तकें : ‘चंद्रिकोत्सव’ (खंडकाव्य); ‘बंधन’, ‘कशमकश’, ‘हॉस्टल के पन्नों से’ (उपन्यास); ‘व्यक्तित्व का प्रभाव’, ‘चिंता नहीं चिंतन’ (लेख-संकलन); ‘मेरी पहचान’ (कहानी-संग्रह); ‘स्वर्ग यात्रा’ (कश्मीर से लद्दाख तक की यात्रा), ‘दुबई : सपनों का शहर’।
इ-मेल :
sitemanojsingh@gmail.com
REVIEW
·
Cover:
Attractive and very appealing
·
Title: It
is as appropriate as it could be.
·
Story: This
book talks about the Aryans and how there are numerous misunderstandings about
the Aryans.
A very intriguing read for every reader who likes to read about history and a
bit of mythology. The story build up is really good, we can imagine two people
talking about the Aryan race who themselves are Arya descendants and the
conversation tells us about the whole Arya history etc.
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